Hello friends,
इस पोस्ट पर बात करेंगे पृथ्वी से आसमान में दिखने वाले सबसे खूबसूरत चीज चांद (moon) की ।
आपने कभी देखा होगा चाँद (moon) पर कुछ दाग धब्बे दिखते है । क्या ये सच मे दाग धब्बे है या फिर कुछ और ।
इस पोस्ट पर बात करेंगे पृथ्वी से आसमान में दिखने वाले सबसे खूबसूरत चीज चांद (moon) की ।
आपने कभी देखा होगा चाँद (moon) पर कुछ दाग धब्बे दिखते है । क्या ये सच मे दाग धब्बे है या फिर कुछ और ।
आपको बताना चाहूंगा कि चाँद पर जो दाग धब्बे दिखते है असल मे ये दाग धब्बे नही है , ये चाँद (moon) पर गढढे हैं , जो हमे पृथ्वी से देखने पर दाग धब्बे जैसे दिखाई देते है ।
आखिर चाँद पर ये गड्ढे (the pit) कैसे बने ?
तकरीबन 45 लाख साल पहले अंतरिक्ष पर बहोत ही भयंकर तूफान
आया था ।
उस तूफान में बहोत बड़े - बड़े चट्टान जिसे की वैज्ञानिक भाषा मे छुद्रग्रह और उल्का कहते है ।
इधर उधर उड़ रहे थे और एक दूसरे से टकरा
रहे थे ।
रहे थे ।
इसी तरह से चाँद पर भी चट्टाने टकरा रही थी ।
चट्टानों के चाँद पर गिरने टकराने से चाँद पर बहोत सारे गड्ढे जिसे कि craters(क्रेटर्स) कहा जाता है, बन गए|
जिससे कि पृथ्वी पर से चाँद को देखने पर यही गड्ढे दाग के रूप में दिखाई देते है ।
अब शायद आपके अंदर सवाल होगा कि क्या तब चट्टाने पृथ्वी से नही टकराई होगी ,
चट्टानों के चाँद पर गिरने टकराने से चाँद पर बहोत सारे गड्ढे जिसे कि craters(क्रेटर्स) कहा जाता है, बन गए|
जिससे कि पृथ्वी पर से चाँद को देखने पर यही गड्ढे दाग के रूप में दिखाई देते है ।
अब शायद आपके अंदर सवाल होगा कि क्या तब चट्टाने पृथ्वी से नही टकराई होगी ,
तो आपको बता दे, हाँ । उस समय चटटाने पृथ्वी से भी टकराई थी ।
तो फिर पृथ्वी पर वो गड्ढे कहाँ है ?
पृथ्वी पर जो गड्ढे थे वो अब भर चुके है लेकिन चन्द्रमा के गड्ढे नही भरे क्यों ?
तो आपको बताते चले कि पृथ्वी और चंद्रमा में कुछ फर्क है,
वो फर्क ये है कि पृथ्वी पर वायुमंडल है ।
वायुमंडल होने की वजह से कई चटटाने पृथ्वी पर पहुचने से पहले ही राख बन जाती है,
और दूसरा ये की पृथ्वी पर वायुमण्डल होने के कारण यंहा सॉइल इरोजन (soil erosion) होता है , शुद्ध हिंदी में कहे तो मृदा अपरदन ।
इसका मतलब यह है कि हवा पानी इत्यादि की वजह से यंहा पृथ्वी की मिट्टी इधर उधर जाती रहती है ।
जबकि चाँद पर हवा पानी न होने के कारण वहाँ कोई हलचल (activity) नही है ।
चाँद पर हलचल इतनी शून्य है कि चाँद पर गए अंतरिक्ष यात्री के जूतों के निशान आज भी मौजूद है।
हमारे पैर के नीचे की जमीन धीरे धीरे खिसक रही है और कही किसी जगह पर नया रूप ले रही है ।
तो इस वजह से पृथ्वी पर गड्ढे नही दिखाई देते ।
चाँद का पिछला हिस्सा
पृथ्वी से चाँद को देखने पर चाँद की एक ही हिस्सा दिखाई देती है, उसका पिछला हिस्सा ,भाग नही दिखता ।
चाँद पृथ्वी के चक्कर तो काटता है
लेकिन इस तरह से की हमे चाँद का पिछला भाग नही दिखता हैं ।
इसे tidal locking (टाइडल लॉकिंग) कहते है । इस टाइडल लॉकिंग की वजह से हमे कभी भी चाँद का पिछला भाग नही दिखता ।
लेकिन मनुष्य (humans) तो मनुष्य है ।
वह अपनी असीमित बुद्धि का उपयोग कर चाँद के पिछले हिस्से को देखना चाहा ।
वैज्ञानिकों ने अन्तरिछ यान पर कैमरा लगाकर चाँद पर पहुँचाया और सफल भी हुआ ।
1959 में रूस के लूना-3 ने चाँद के पिछले हिस्से की पहली तस्वीर ली ।
फिर बाद में अमेरिका , रूस के कई चंद्रमा मिशन में चाँद के पिछले हिस्से की तस्वीर ली गई और आम नागरिकों को चाँद के पिछले हिस्से के बारे में बताया गया ।
लेकिन जब चाँद के पिछले हिस्से को देखा गया तो वैज्ञानिकों की आंखे फटी रह गयी ।
ये क्या , कैसे ? क्योंकि वैज्ञानिकों ने जो देखा चाँद के आगे के हिस्से से चाँद का पिछला हिस्सा बिल्कुल अलग था ।
चाँद ग्रह का पिछला हिस्सा बिल्कुल काला , dark है , इसलिए हमें पृथ्वी से चाँद ग्रह का पिछला हिस्सा दिखाई नही देता।
चांद ग्रह के आगे और पीछे के हिस्से में इतना अंतर आज भी वैज्ञानिको के लिए जाँच का विषय बना हुआ है।
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I hope कि ये जानकारी आपको अछी लगी होगी, आपको इस पोस्ट से रिलेटेड कहि भी परेशानी होती है तो आप मुझसे comment box से पुछ सकते है|
thankyou !
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